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हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों,विधायकों,विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी को राजभवन ने मंजूरी दे दी है।राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी के तीनों विधेयक मंजूर कर दिए हैं।ये विधेयक बजट सत्र में पारित किए थे।राज्य सरकार के विधि विभाग ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद विधेयक से एक्ट बने हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन संशोधन अधिनियम 2025,हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष वेतन संशोधन अधिनियम 2025 और हिमाचल प्रदेश मंत्रियों के वेतन एवं भत्ते संशोधन अधिनियम 2025 को अधिसूचित कर दिया है।इन अधिनियमों के लागू होने के बाद मंत्री-विधायकों का वेतन अब हर पांच वर्ष में महंगाई सूचकांक के आधार पर खुद बढ़ेगा।बढ़े वेतन-भत्तों का लाभ विधानसभा सचिवालय और सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से अलग से अधिसूचनाएं जारी होने के बाद मिलेगा।अब नए एक्ट के अनुसार विधायक का वेतन 85,000 रुपये हो गया है,जो पहले 55,000 था। विधायक को 1.20 लाख रुपये मासिक विधानसभा क्षेत्र भत्ता और 90 हजार रुपये कार्यालय भत्ता भी मिलेगा।

बैठक में उपस्थित रहने का भत्ता 1,800 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दिया गया है।हालांकि, विधायकों को पहले मिलने वाले टेलीफोन,बिजली और पानी बिल जैसे विशेष भत्ते समाप्त कर दिए गए हैं।पूर्व विधायकों की मूल पेंशन 36,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये मासिक कर दी गई है।पेंशन में भी हर पांच वर्ष बाद महंगाई सूचकांक के अनुसार वृद्धि की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष का मूल वेतन 80,000 से 95,000 रुपये हो गया है।उपाध्यक्ष का 75,000 से 92,000 रुपये हो गया है।मुख्यमंत्री को 1,15,000 रुपये मासिक और कैबिनेट मंत्रियों को 95,000 रुपये मासिक मूल वेतन मिलेगा।सभी मंत्रियों को 1.50 लाख रुपये प्रतिमाह का प्रतिनिधिक व्यय या सत्कार भत्ता दिया जाएगा।मंत्रियों, विधायकों,विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए टैक्सी यात्रा प्रति किलोमीटर दर 25 रुपये निर्धारित की गई है,जो चार लाख रुपये के बजाय अब छह लाख रुपये सालाना तक होगी।नए वेतन स्ट्रक्चर के अनुसार मुख्यमंत्री का वेतन अब 3.40 लाख रुपए और विधायक का वेतन 2.97 लाख रुपए हो गया है।संशोधित विधेयक के लागू होने के बाद विधायक का वेतन 2.97 लाख मासिक होगा,इसमें वेतन व भत्ते शामिल हैं,पहले विधायक का वेतन 2.10 लाख के करीब था,नए स्ट्रक्चर के अनुसार अब विधायक का बेसिक वेतन 55 हजार रुपए से बढ़ाकर 85 हजार रुपए किया गया है,कार्यालय भत्ता 30 हजार मासिक हुआ करता था,जो अब 90 हजार मासिक होगा,विधानसभा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्रियों का वेतन भत्तों को मिलाकर अब 3.30 लाख रुपए के करीब होगा।

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