
प्रदेश के लोगों को अब कैंसर के इलाज के लिए अन्य राज्यों या निजी स्वास्थ्य संस्थानों में नहीं जाना पड़ेगा।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स अस्पताल बिलासपुर में कैंसर के इलाज में सबसे अहम रोल अदा करने वाली 31 करोड़ रुपए से भी अधिक लागत वाली पैट एवं स्पैक्ट स्कैन एवं सीटी स्कैन मशीन का लोकार्पण किया।यह मशीन यह बताने में सक्षम है कि कैंसर शरीर के किस हिस्से में कितना फैल चुका है तथा वह किस स्टेज में है।इसी के साथ एम्स बिलासपुर इस एडवांस तकनीक वाला हिमाचल का पहला स्वास्थ्य संस्थान बन गया है।

इस मशीन में हृदय रोगों,न्यूरोलॉजिकल रोगों के सटीक निदान में मदद मिलेगी जबकि स्पैक्ट स्कैनर से हड्डियों,किडनी और हृदय से जुड़ी बीमारियों की गहन जांच की जा सकेगी।इसी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने एम्स में दूरदराज से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए 15 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले विश्राम सदन के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया व नींव खोद कर उसके निर्माण का शुभारंभ किया। इस विश्राम सदन में मरीजों के तीमारदारों के लिए 250 बिस्तरों की सुविधा का प्रावधान है,लेकिन मौके पर उनके साथ मौजूद सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने एक विशेष योजना के तहत इसे 500 बिस्तरों का बनाने का सुझाव दिया जिस पर नड्डा ने मौके पर ही इसे 500 बिस्तरों का बनाने की घोषणा कर दी।इसके साथ ही आपदा के समय मरीजों का आपदा के स्थान पर ही इलाज करने के लिए एम्स को उन्होंने पोर्टेबल अस्पताल भीष्म का पहला सैट भी सौंपा।इसकी लागत करीब 3 करोड़ है।भीष्म अस्पताल एक पोर्टेबल डिब्बे में बंद है।इसे ड्रोन से या एक व्यक्ति द्वारा भी उठा कर कहीं भी ले जाया जा सकता है।आपदा की स्थिति में यह अस्पताल दुर्गम क्षेत्रों में भी तैयार हो सकता है व इसमें छोटे ऑप्रेशन भी किए जा सकते हैं।इसके अतिरिक्त नड्डा ने एम्स अस्पताल में तीसरी व देश की 225वीं अमृत फार्मेसी का शुभारंभ भी किया।अमृत फार्मेसी में ब्रांडेड दवाएं 50 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक की छूट पर उपलब्ध हैं।वहीं उन्होंने एम्स में जन औषधि केंद्र का भी लोकार्पण किया। नड्डा ने बताया जन औषधि केंद्रों पर मिलने वाली दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की गई है ये दवाएं 50 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक सस्ती हैं।नड्डा ने एम्स बिलासपुर में 30 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली वायरोलॉजी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब की आधारशिला रखी गई।यह लैब संक्रामक रोगों और वायरस से जुड़ी बीमारियों की जांच में सहायक होगी।वर्तमान में खतरनाक वायरस के जांच हेतु सैंपलों को पुणे-महाराष्ट्र भेजा जाता है।भविष्य में यह लैब नए वायरस के अध्ययन,वैक्सीन विकास और महामारी प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।नड्डा ने एम्स बिलासपुर में 4 करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से इन्डोर स्टेडियम के निर्माण को भी अपने दौरे के दौरान स्वीकृति दे दी।उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए खेलकूद की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
