दृष्टिबाधित बेटी की प्रतिभा ने रच दिया इतिहास।

Shimla:आंखों में रोशनी का न होना मुस्कान के हौसलों को परास्त नहीं कर सका।उसकी प्रतिभा,लगन और कड़ी मेहनत ने एक और इतिहास रच दिया है।प्रदेश के प्रतिष्ठित राजकीय कन्या महाविद्यालय (आरकेएमवी) के इतिहास में पहली दृष्टिबाधित छात्रा होने का गौरव प्राप्त करने के बाद अब वह वहां पहली दृष्टिबाधित सहायक प्रोफेसर बन गई है। उसने आरकेएमवी में संगीत की सहायक प्रोफेसर का कार्यभार संभाल लिया है।
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव की उपस्थिति में मुस्कान ने आरकेएमवी की प्रिंसिपल डॉ.रुचि रमेश के समक्ष पदभार संभाला।विख्यात युवा गायिका,भारतीय चुनाव आयोग की ब्रांड एंबेसडर और प्रदेश विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी कर रही मुस्कान की सफलता पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू,एडवोकेट जनरल अनूप रतन,कुलपति प्रोफसर एसपी बंसल और प्रिंसिपल डॉ रुचि रमेश ने बधाई दी है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि उनकी सरकार दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग बच्चों को हर प्रकार की सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए कृत संकल्प है।उन्होंने कहा कि मुस्कान एवं अन्य प्रतिभाशाली दिव्यांगों की सफलता पर उन्हें गर्व है।
शिमला जिले के दूरदराज क्षेत्र चिड़गांव के गांव संदासली के किसान जयचन्द और अम्बिका देवी की प्रतिभाशाली संतान मुस्कान ने बचपन से ही अपने हौसले को बुलंद रखा।माता पिता और परिवार के सहयोग ने उसे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह दृष्टिबाधित है और परिवार पर बोझ है।

शुरुआती पढ़ाई कुल्लू से करने के बाद मुस्कान ने शिमला के पोर्टमोर स्कूल से शिक्षा ग्रहण की,उसके बाद वह 2013 में आरकेएमवी में सात दशकों के इतिहास में वहां पहली बार दाखिला लेने वाली 5 दृष्टिबाधित छात्राओं में से एक थी।
उमंग फाउंडेशन ने मुस्कान समेत इन सभी छात्राओं को मेरिट स्कॉलरशिप प्रदान की थी।इसी संस्था की सहायता से उसने देश के पांच अन्य विद्यार्थियों के साथ 10 वर्ष पूर्व पहली बार दिल्ली के नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड से कंप्यूटर का कोर्स भी किया।उसे राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के अनेक सम्मान और पुरस्कार भी बेहतरीन गायकी के लिए मिले।
वह प्रदेश की ऐसी पहेली दृष्टिबाधित गायिका है जिसने भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका में भी संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत कर हिमाचल का गौरव बढ़ाया।कंप्यूटर में सिद्धहस्त मुस्कान सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म-जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप पर भी सक्रिय है।

उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो.अजय श्रीवास्तव ने कहा यदि दृष्टिबाधित बच्चों को परिवार और समाज का सहयोग और शैक्षणिक संस्थाओं में उचित वातावरण मिले तो वे कोई भी ऊंचाई छू सकते हैं।मुस्कान देश के दिव्यांगों एवं अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत है।
प्रिंसिपल डॉ रुचि रमेश का कहना है कि उनके महाविद्यालय को मुस्कान पर गर्व है।उन्होंने कहा कि उनका महाविद्यालय दिव्यांगों के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और उन्हें हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।मुस्कान के पदभार ग्रहण करने के समय पूनम फाउंडेशन की सवीना जहां,मीनाक्षी शबाब और सुमित्रा मल्लाह भी उपस्थित थीं।
