
एनएचएआई के अधिकारियों के साथ मारपीट के मामले में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह समेत अन्य के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।एनएचएआई शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल की शिकायत पर ढली पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।सोमवार दोपहर को भट्ठाकुफर की माठू कॉलोनी में बहुमंजिला भवन के जमींदोज होने के बाद पंचायती राज मंत्री प्रशासन के साथ मौके पर पहुंचे।आरोप है कि मंत्री समेत कुछ लोग एनएचएआई के अधिकारियों को कमरे में ले गए और मारपीट करने लगे।दोनों अधिकारी लहूलुहान मौके से जान बचाकर भागे और खुद अपनी गाड़ी से आईजीएमसी अस्पताल उपचार करवाने के लिए पहुंचे।प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मारपीट का आरोप है।वहीं, केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को चिट्ठी लिखकर घटना को निंदनीय बताते हुए तत्काल कार्रवाई करने और अधिकारियों को सुरक्षा देने को कहा है।

प्रबंधक ने शिकायत में लगाए ये आरोप।
एनएचएआई के प्रबंधक अचल जिंदल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 30 जून को उप मंडलाधिकारी शिमला ग्रामीण ने उन्हें अपने कार्यालय में सुबह 11:30 बजे बैठक के लिए बुलाया।वह और साइट इंजीनियर योगेश वर्मा दोनों जब एसडीएम ग्रामीण कार्यालय में पहुंचे तो वह वहां मौजूद नहीं थे।उन्हें भट्ठाकुफर आने के लिए कहा गया।जब दोनों मौके पर पहुंचे तो एसडीएम ग्रामीण के साथ मंत्री अनिरुद्ध सिंह और कुछ लोग मौजूद थे।जिंदल ने पुलिस को बयान दिया कि इस दौरान मंत्री को बहुमंजिला भवन गिरने के बारे में विस्तार से बताया गया।उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री ने उनके साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।इसके बाद दोनों अधिकारियों को समीप के ही एक निजी व्यक्ति के कमरे में बुलाया।आरोप है कि लोगों की मौजूदगी में मारपीट शुरू की गई।इस दौरान पानी का घड़ा अधिकारी के सिर पर मारा गया,जिससे खून बहने लगा।जब साइट इंजीनियर ने उन्हें बचाने का प्रयास किया तो मारपीट की गई।इसमें दोनों को गंभीर चोटें आईं।मारपीट के दौरान मौजूद रहे एसडीएम ग्रामीण ने भी किसी तरह की मदद नहीं की।इसके बाद दोनों जान बचाकर मौके से भागे और अपनी गाड़ी से आईजीएमसी पहुंचे।पुलिस ने मेडिकल के बाद पंचायती राज मंत्री समेत अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा,132,121(1),352,126(2) और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
