शिमला में संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हुए विवाद के चलते शुक्रवार को माकपा,आप और कई अन्य संगठनों ने सद्भावना मार्च निकाला गया।इस सद्भावना मार्च में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।सुबह 10 बजे से ही लोग डीसी ऑफिस के बाहर सद्भावना मार्च के लिए एकत्रित होने शुरू हो गए थे।डीसी ऑफिस से शेर-ए-पंजाब तक विशाल जुलूस निकाला गया।इस जुलूस में लगभग सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।इस अवसर पर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात थी,ताकि आम लोगों को कोई असुविधा न हों।इस दौरान शिमला शहर के नागरिकों ने जनता से शिमला व हिमाचल प्रदेश में शांति,भाईचारे,अमन,चैन,सांप्रदायिक सौहार्द बनाने की अपील की।उन्होंने धर्म,जाति,क्षेत्र,लिंग,नस्ल से ऊपर उठकर देश की एकता व अखंडता के लिए कार्य करने,आपसी भाईचारे,अमन चैन व शांति को कायम रखने,लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रखने की शपथ ली।

शिमला के पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि हिमाचल शांति के लिए दुनिया भर में मशहूर है।उन्होंने बताया कि किसी को भी यहां शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।यहां पर चंद लोगों द्वारा पूरे प्रदेश का माहौल खराब किया जा रह है।जिसका सीधा असर टूरिज्म इंडस्ट्री और सेब सीजन पर पड़ रहा है।सभी लोगों को एक दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए।शांति मार्च का नेतृत्व इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ एडवांस स्टडी के भूतपूर्व निदेशक प्रोफेसर चेतन सिंह,भूतपूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन,भूतपूर्व आईएएस अजय शर्मा,प्रोफेसर घनश्याम चौहान,प्रोफेसर राजेंद्र चौहान,प्रोफेसर विजय कौशल,प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट संजीव भूषण,भूतपूर्व विधायक राकेश सिंघा,भूतपूर्व महापौर मनोज कुमार और संजय चौहान,भूतपूर्व उप महापौर टिकेंद्र पंवर  ने किया।शांति मार्च के उपलक्ष्य पर जारी संयुक्त प्रेस बयान में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा है कि कुछ सांप्रदायिक संगठनों द्वारा सुनियोजित तरीके से की जा रही सांप्रदायिक घटनाओं,एक समुदाय विशेष के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का वातावरण बनाने के खिलाफ, अल्पसंख्यकों में भय का माहौल बनाने के खिलाफ तथा प्रदेश में भाईचारा,एकता,अमन चैन स्थापित करने के लिए शिमला में यह शांति मार्च किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *