CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में आऊटसोर्स पर रखे कर्मचारियों को भविष्य में नौकरी में रखने के लिए उनके अनुभव को प्राथमिकता देगी।यह बात उन्होंने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक राकेश जम्वाल के सवाल के जवाब में हस्तक्षेप करते हुए कही।उन्होंने कहा कि कोरोना काल में नियुक्तियां किसी भी नियम व कानून के तहत नहीं की गई हैं जबकि सरकारी विभाग में नियुक्तियां नियमों के तहत होती हैं।बावजूद इसके सरकार ने मानवीय आधार पर कोरोना काल में आऊटसोर्स पर रखे कर्मचारियों को एक्सटैंशन दी तथा मानदेय भी जारी किया।इनकी साढ़े 3 करोड़ रुपए की देनदारी लंबित है और उसे जल्द जारी किया जाएगा।मूल सवाल के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना काल में 1916 स्वास्थ्य कर्मी रखे गए थे तथा वर्तमान में सरकार का इनकी सेवाओं को जारी रखने का विचार नहीं है।इस दौरान राकेश जम्वाल ने कहा कि महामारी के दौरान नियम-कानून बनाने का समय नहीं था।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में रखे गए कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर दूसरों का जीवन बचाया। वह आपातकाल की स्थिति थी और इन लोगों ने अंतिम संस्कार का कार्य भी किया।इसलिए इनकी सेवाएं किसी अन्य स्थान पर ली जाएं।विधायक राकेश जम्वाल ने सुंदरनगर के ऑक्सीजन प्लांट बंद होने का मामला उठाया तथा कहा कि एक साल पहले इसे शुरू करने आश्वासन दिया था,जो अब तक पूरा नहीं हुआ है।नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सदन की गरिमा का सवाल है कि सरकार आश्वासन देती है और होता कुछ नहीं है।इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुंदरनगर के ऑक्सीजन प्लांट बंद होने के मामले को वह देखेंगे और कार्रवाई करेंगे।इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धनीराम शांडिल ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट से जो कर्मचारी हटाए गए थे,उन्हें फिर से रखने का कहा गया है।

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