APG शिमला विश्वविद्यलय में नई पैरामेडिकल साइंस लैब की स्थापना विश्वविद्यलय में पैरामेडिकल साइंस के विभिन्न संकायों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए शोध आधारित व पैरामेडिकल कोर्सेज में प्रैक्टिकल ज्ञान को बेहतरीन बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।यह बात एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के चांसलर इंजीनियर सुमन विक्रांत ने विश्वविद्यलय में स्थापित नई पैरामेडिकल साइंस लैब के उद्घाटन समारोह के दौरान कही,बतौर मुख्य अतिथि उद्धघाटन समारोह में उपस्थिति चांसलर सुमन विक्रांत ने कहा कि विश्वविद्यलय प्रबंधन विद्यार्थियों की शिक्षा को प्रैक्टिकल ज्ञान के साथ गुणात्मक शिक्षा के विकास के लिए नवाचारों से परिपूर्ण और जॉब सृजन के स्तर की शिक्षा प्रदान कराने का संकल्प लिए हुए हैं और किसी भी कीमत पर प्रदेश की प्रतिभाओं को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाने के लिए प्रयासरत है।वहीं उद्धघाटन समारोह में मुख्य अतिथि इंजीनियर सुमन विक्रांत के साथ प्रो-चांसलर प्रो.डॉ.रमेश चौहान,प्रो.आर.के.चौधरी, प्रो.डॉ.अश्वनी शर्मा,रजिस्ट्रार डॉ.अनिल कुमार पॉल,परीक्षा नियंत्रक डॉ.अफ़ज़ल खान,विश्वविद्यलय की कार्यकारी अधिकारी ज्योत्सना शर्मा,डीन इंजिनीरिंग डॉ.अंकित ठाकुर, डीन अकैडमिक प्रो.डॉ.आनंद मोहन,डीन साइंसेज प्रो.डॉ. रोहिणी धरेला ने वशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

स्कूल ऑफ अलाइड एंड हेल्थकेअर साइंसेज व पैरामेडिकल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.प्राची वैद ने नए पैरामेडिकल साइंसेज से संबंधित एनाटोमी लैब,फिजियोथेरेपी लैब,एक्सरसाइज थेरेपी लैब,नर्सिंग डेमोंस्ट्रेशन जैसी विभिन्न स्थापित लैब और अन्य उपकरण मसल स्टिमुलेटर, थेरपेउटिक अल्ट्रासाउंड,ट्रांस्क्यूटनेयस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन,ओर्थपेडीक हीट पैड,इंटरफेरेंटीएल थेरेपी,इंफ़्रा रेड लैंप जैसे उपकरणों के कार्य और प्रैक्टिकल बारे उद्धघाटन समारोह में उपस्थित वशिष्ठ अतिथियों,विश्वविद्यलय के प्राध्यापकों ,विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्षों और बड़ी संख्या में मौजूद विद्यार्थियों को अवगत करवाया।डॉ.प्राची वैद ने बताया कि विश्वविद्यालय में फिलहाल बी.एससी ऑनर इन फोरेंसिक साइंस,एमएससी फोरेंसिक साइंस, बैचलर इन फीजियोथेरेपी, बैचलर इन मेडिकल लैब टैक्नोलॉजी (ऑनर), बैचलर इन रेडियोग्राफी, बैचलर इन ऑप्टिमेट्री के स्नातक व परास्नातक डिग्री प्रोग्रामों की पढ़ाई इस शैक्षणिक सत्र से आरंभ हो चुकी है।उद्धघाटन समारोह में प्रो.आर. के.चौधरी और प्रो-चांसलर ने कहा कि पैरामेडिकल साइंसेज के क्षेत्र में बेहतर रोजगार के अवसर है और मेडिकल से जुड़े टेक्निकल पाठ्यक्रमों में डिग्री व डिप्लोमा कोर्स करने वाले युवाओं को मेडिकल क्षेत्र में हमेशा सरकारी व निजी क्षेत्र में जॉब पाने और अपना व्यवसाय आरंभ करने में आसानी होती है और आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर होते हैं।उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पैरामेडिकल कोर्सेज को और अधतन करने का प्रयास रहेगा ताकि विद्यार्थीयों को पैरामेडिकल कोर्सेज से जॉब सृजन के लिए प्रैक्टिकल और गुणात्मक शिक्षा को और मजबूत किया जा सके।

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