सीधी बातचीत। “द न्यूज़ क्लिक”- चीफ एडिटर कैलाश वर्मा। “एनसीसी अधिकारी”-प्यार सिंह ठाकुर।

“द न्यूज़ क्लिक” के एडिटर-इन-चीफ कैलाश वर्मा की NCC से संबंधित विभिन्न विषयों पर 7 एचपी एनसीसी शिमला के नोडल अधिकारी प्यार सिंह ठाकुर के साथ खास बातचीत के कुछ अंश।
एनसीसी में ए,बी,सी सर्टिफिकेट वालों को सेना की नौकरी में मिलती है वरीयता: एनसीसी नोडल अधिकारी प्यार सिंह ठाकुर।

कैलाश वर्मा “द न्यूज़ क्लिक” में आपका स्वागत है!
प्यार सिंह ठाकुर : जी जय हिंद,धन्यवाद!

“द न्यूज़ क्लिक”: एनसीसी क्या है और इसका मुख्य उद्देश्य और लक्ष्य क्या हैं…?
प्यार सिंह ठाकुर: राष्ट्रीय कैडेट कोर यानी एनसीसी की स्थापना 16 जुलाई 1948 को हुई थी।यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत त्रिकोणीय सेवा संगठन है,जिसमें जल सेना,थल सेना और वायु सेना शामिल है।एनसीसी दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन है,10 लाख से अधिक स्कूल,कॉलेज और विश्ववविद्यालय के छात्रों को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करता है।इस संगठन के तीन मुख्य उद्देश्य संगठित,प्रशिक्षित और प्रेरित युवाओं को राष्ट-सेवा और जीवन के सभी क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करना है।सशस्त्र बलों में सफल करियर बनाने के लिए युवाओं को बेहतर माहौल प्रदान करना है।एनसीसी स्वैच्छिक आधार पर स्कूल,कॉलेज और विश्वविद्यालयों के सभी नियमित छात्र-छात्राओं के लिए खुला है।इसमें प्रशिक्षण के बाद सक्रिय सैन्य सेवा अनिवार्य नहीं है।

“द न्यूज़ क्लिक”:एनसीसी में किस तरह के कार्य और गतिविधियां शामिल रहती हैं…..?
प्यार सिंह ठाकुर : प्रतिवर्ष कैडेट्स विभिन्न विषयों पर केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे अभियान में भाग लेते हैं।कैडेट्स नशा मुक्ति,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, पौधरोपण,मेक-इन-इंडिया,आत्मनिर्भर भारत,पुनीत सागर जैसे जागरूकता अभियान चला रहे हैं।

“द न्यूज़ क्लिक” :एनसीसी से युवाओं का व्यक्तित्व निर्माण कैसे होता है….?
प्यार सिंह ठाकुर : इसमें कैडेट्स के लिए सामाजिक,कर्तव्य, एकता,अनुशासन और साहसिक गतिविधियों पर विशेष बल दिया जाता है।हथियार चलाना,परेड,ड्रिल,नौकायन,ऐरोमोडलिंग,मैप अध्ययन,नेविगेशन प्रशिक्षण शामिल है।इसके अलावा पर्वतारोहण,पैरा सेलिंग,स्कूबा डाइविंग,कार, मोटरसाइकिल और साइकिल रैली सहित भारत की राष्ट्रीय विरासत का पता लगाने जैसी गतिविधियां कराई जाती हैं।भारत के एनसीसी और अन्य देशों के युवा संगठनों के बीच युवा एक्सचेंज प्रोग्राम भी प्रतिवर्ष होता है।इसमें 24 दिनों तक की विदेश यात्राएं शामिल हैं।

“द न्यूज़ क्लिक” :कैडेट्स को सरकारी नौकरी में कुछ विशेष आरक्षण या किसी तरह की विशेष छूट का प्रावधान रहता है…?
प्यार सिंह ठाकुर : सशस्त्र बलों में अफसरों की भर्ती परीक्षा में एनसीसी ‘सी’ सर्टिफिकेटधारी एनसीसी कैडेट्स के लिए सीटें आरक्षित हैं।भारत की तीनों सेनाओं में एनसीसी के ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट के लिए यूपीएससी और एएफसीएटी की परीक्षा के बिना ही एसएसबी इंटरव्यू द्वारा चयन किया जाता है।सशस्त्र बलों और तीनों सेनाओं की चयन परीक्षा में भी एनसीसी के ‘ए-बी-सी’ सर्टिफिकेट होल्डर कैडेट्स को ओआरएस की लिखित परीक्षा में अतिरिक्त अंक 5,3 और 2 प्रतिशत बोनस के रूप में दिए जाते हैं।

द न्यूज़क्लिक: देश में विपत्ति के समय मतलब कोई प्राकृतिक या मानवीय आपदा के समय जानमाल के बचाओ मे यानि राहत और बचाव कार्य में एनसीसी क्या भूमिका निभाती है…..?
प्यार सिंह ठाकुर : एनसीसी कैडेट्स प्राकृतिक आपदाओं जिसे भूकंप,बाढ़,चक्रवात व अन्य विषम परिस्थितियों के दौरान राष्ट्रीय अभियानों में योगदान देते आ रहे हैं,एनसीसी में जूनियर विंग के लिए न्यूनतम आयु तेरह वर्ष और सीनियर विंग में शामिल होने की अधिकतम आयु छब्बीस वर्ष है।

द न्यूज़ क्लिक: यदि छात्र,युवा वर्ग या कोई भी व्यक्ति एनसीसी के बारे में,विस्तारपूर्वक जानकारी लेना चाहते हैं तो सम्बन्धित अधिकारीयों के साथ साथ यानी मौखिक,या कार्यालय से जानकारी जुटाने के आलावा कोई ऑनलाइन जानकारी के लिए,वेबसाइट…?
प्यार सिंह ठाकुर: एनसीसी की ऑफिशियल वेबसाइट- D G N C C: india ncc.nic.in और हमारे एनसीसी के ग्रुप हेडक्वार्टर व 7 एचपी (आई) एनसीसी शिमला में संपर्क कर हमारे सैन्य अफसरों,ग्रुप कमांडर और कमांडिंग अफसर से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इसके अलावा स्कूल,कॉलेज में एनसीसी यूनिट के एसोसिएट एनसीसी अफसरों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

“द न्यूज़ क्लिक”: हिमाचल प्रदेश में एनसीसी का क्या परिदृश्य है……?
प्यार सिंह ठाकुर: हिमाचल प्रदेश देव भूमि के साथ वीर भूमि के रूप में जाना जाता है।हमारे वीर सैनिकों,वीर सैन्य अधिकारियों ने देश की रक्षा के लिए हर युद्ध में,हर मोर्चे पर अपना बलिदान दिया है और इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश के वीरों का भारतीय सेना के तीनों अंगों में सिपाही से लेकर बड़े-बड़े सैन्य अधिकारी राष्ट्र सेवा कर रहे हैं,एनसीसी तीनों सेनाओं की एक प्रकार से पौध है,इसे सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहा जाता है क्योंकि एनसीसी से ही तीनों सेनाओं के लिए जवान और सैन्य अधिकारी मिलते हैं,एनसीसी में रहते हुए कैडेट्स को सेना की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है।

हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में चौबीस हज़ार के लगभग एनसीसी कैडेट्स हैं।एनसीसी को सुचारू रूप से चलाने के लिए अभी हिमाचल में सुविधाओं का अभाव है,एनसीसी यूनिटों में स्टाफ़ की बहुत कमी है जिससे डॉक्यूमेंटेशन और सही ढंग से कैडेट्स को ट्रेडिंग नहीं मिल पाती।दूसरा एनसीसी के लाभों से न तो शिक्षण संस्थान जागरूक है न सरकारों की ओर से एनसीसी के लिए विशेष बजट होता है जबकि दूसरे राज्योँ में एनसीसी की सुविधाएं अव्वल हैं।मैंने देखा है कि हिमाचल के ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों में एनसीसी को लेकर काफी क्रेज है लेकिन सुविधाओं के अभाव में और काउंसलिंग की कमी के बिना विद्यार्थियों को मोटिवेशन नहीं मिलती जबकि हमारे कमांडिंग ऑफिसर इस दिशा में कोशिश करते हैं लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते योजनाएं विफल हो जाती हैं।दूसरा आम लोगों में भी एनसीसी के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं हैं।हाँ,कुछ क्षेत्रों में एनसीसी के लिए क्रेज है जहां से अधिक लोग सेना से आते हैं।

“द न्यूज़ क्लिक” की ओर से प्यार सिंह ठाकुर जी का बहुत बहुत धन्यवाद आभार जो आपने अपनी व्यवस्तता के चलते अपना किमती समय निकालकर युवाओं को एनसीसी के प्रति जागरूक किया,खासकर बताया कि एनसीसी में शामिल होकर किस तरह का आरक्षण और लाभ प्राप्त कर स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं जल,थल और वायु सेना की इकाई में शामिल हो सकते हैं।ठाकुर जी एक बार फिर से आपका आभार प्रकट करते हैं और उम्मीद करते हैं की निकट भविष्य में भी आप इसी तरह युवाओं का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
प्यार सिंह ठाकुर:जी कैलाश जी आपका भी धन्यवाद!
“जय हिंद! जय हिमाचल।

